सीतामढ़ी : प्रधानमंत्री आवास योजना सरकार की एक ऐसी कल्याणकारी योजना जो गरीबों को रहने के लिए पक्के मकान की व्यवस्था करती है हालांकि इस योजना को लागू करने का सरकार का एकमात्र मनसा हर गरीब परिवार को भी अपना छत का मकान हो जिसमें वह अपना गुजर-बसर कर सकें लेकिन यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है इस योजना का लाभ उसी को मिलता है जो अधिकारी और स्थानीय जनप्रतिनिधि को रिश्वत रूपी चढ़ौना चढ़ाते है.
ताजा मामला सोनबरसा प्रखंड के मढ़िया पंचायत का है जहां कई गरीबों ने सोनबरसा बीडीओ को आवेदन सौंपते हुए यह शिकायत किया है कि गलत तरीके से प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभुक होने के योग्य होने के बाद भी उनको अयोग्य घोषित कर दिया गया है.

शिकायतकर्ता ने कहा है कि वर्तमान मुखिया चोरी छुपे बिना किसी सूचना के ग्राम सभा का आयोजन कर पंचायत के 1232 योग्य लाभुक परिवार में से 950 परिवार को अयोग्य घोषित कर दिया है केवल अपने समर्थक और पहचान के लोगों को योग्य बना दिया है जो गलत है.

